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2024 ग‍र्मी मे टमाटर की खेती, Tamater ki kheti

टमाटर की खेती की बात की जाए तो 2023 में जिन किसानों ने टमाटर लगाए थे उन्होंने बहुत अच्छी टमाटर की खेती से कमाई की है और कई किसान तो टमाटर की खेती से करोड़पति बन गए क्योंकि 2023 में टमाटर के भाव ₹100 kg से लेकर ₹200 kg तक थे

यदि आप किसान भाइयों इस सीजन में यानी की 2024 में गमी्र के समय टमाटर लगाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पड़े इस आर्टिकल में हम जानेंगे टमाटर की खेती कैसे की जाती है, उसमें लागत, मिट्टी, उत्पादन और कौन-कौन से बीज बोए जाते हैं हम इसमें पूरी जानकारी को जानेंगे।

टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसका उपयोग हर घर में किया जाता है सब्जी बनाने में सलाद बनाने में और कहीं-कहीं तो इसका अचार बनाने भी उपयोग किया जाता है यानी टमाटर का रेगुलर उपयोग हमारे घरों में किया जाता है परंतु इसका भाव कभी-कभी बहुत अधिक तो कभी-कभी बहुत ही काम होता है

परंतु यदि आप गर्मी के सीजन में टमाटर लगते हैं तो इसका भाव आपको अच्छा खासा देखने को मिलता है यदि इसका भाव ₹20 किलो से लेकर ₹40 किलो भी हुआ तो आप इस खेती से 1 एकड़ में अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं

टमाटर की खेती का समय

किसान भाइयों अब जो भी फसल बोते हैं वह अधिकतम निर्भर करती है उसके समय के हिसाब से तो आप गर्मी के समय में टमाटर 15 फरवरी से लेकर 15 मार्च तक अपने खेतों में टमाटर के पौधे को ट्रांसप्लांट करने का प्रयास करें और इसके लिए आपको आपके क्षेत्र या दूसरे क्षेत्र से पौधे खरीदने की कोशिश करें और यदि यह पौधे नहीं मिले तो आप अपने खेत में टमाटर के बीज लगाइए

नर्सरी

आप आपके क्षेत्र के बाजार से सिजेंटर साहू या सेमिनास लाकर उनकी नर्सरी डाल दीजिए 20 से 25 दिन बाद टमाटर के पौधे लगने लग जाए तो आप इसका ट्रांसप्लांट अपने खेत में कर दीजिए।

टमाटर का पौधे का ट्रांसप्लांट आप अपने खेतों में बेड बनाकर करिए जिसमें दो बेदो की दूरी 4-5 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 1.5 फीट रखे

टमाटर की खेती के लिए खाद्य प्रबंधन

गर्मी के समय में टमाटर की खेती के लिए खाद प्रबंधन का होना अनिवार्य, अपने खेतों की जुताई करने समय यानी की टमाटर के पौधे अपने खेतों में लगाने से 15दिन पहले अपने खेत में 100 क्विंटल गोबर का खाद और दो क्विंटल नीम खली 1 एकड़ में डालें

टमाटर के पौधे की जब आप रोपाई करें उसके एक दिन पहले 1 एकड़ में DAP 50kg, अमोनियम सल्फेट 50kg और पोटास 40kg केवल आपके खेतों की बेड पर डालें

खाद्य प्रबंधन

इसके बाद दोस्तों आप टमाटर के पौधे की रोपाई करने के 30 दिन या 60 दिन बाद 30kg यूरिया प्रति एकड़ में डालें
और जब फूल या फल बने लग जाए तो पहले हरवेस्टिंग के समय आप 200ग्राम 200लीटर पानी में शुष्म पोषक तत्त्व प्रति एकड़ से उपयोग करे

इसके अलावा फलों का विकास तेजी से हो उसके लिए आप वाटर सॉल्युबल फर्टिलाइजर – NPK : 0 52 34 को 1kg प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी मिलाकर ड्रेंचिंग कर देवे, और जब आप टमाटर की खेती से टमाटर की तुड़ाई के समय NPK 0 0 50 1kg को 200 पानी में प्रति एकड़ में मिलाकर डाल देवे

टमाटर की खेती किट व रोग

किसान भाइयों टमाटर की खेती करते समय हमारे द्वारा ऊपर दी गई जानकारी से अगर आप खेती करते हैं तो उसमें उत्पादन आपको अच्छा देखने को मिलेगा परंतु टमाटर की खेती में होने वाले रोग और की पर आपने यदि ध्यान नहीं दिया तो इसकी खेती प्रभावित हो सकती है, तो टमाटर की खेती में कौन-कौन से रोग होते हैं और उसका उपाय क्या होता है इसको भी हम जानते हैं

टमाटर के पौधे का गलना या सुख जाना

टमाटर के पौधे

यह रोग एक खतरनाक जीवाणु के रूप में टमाटर के पौधे में फैला है, यह एक पौधे को समाप्त कर दूसरे पौधे पर भी फेल कर उसे भी समाप्त कर देता है इस रोग के लक्षण के पौधे में पत्तियां मुरझाने लगती है इसके बाद पत्तियां धीरे-धीरे मुड़ जाती है और पीली पड़ने लगती है व नीचे से सूखने लगती है और पौधा सुख जाता है

उपाय:- जब भी आपके यह पौधे में रोग दिखे तो इस रोग के पौधे को निकाल कर बाहर कर दे और एक गड्ढे में गढ़ दे या जला देवे क्योंकि इस पौधे के लिए कोई सी भी दवाई अभी तक कारगर साबित नहीं हुई है

यदि किसान भाई आपने खराब पौधों को नष्ट नहीं किया तो यह बीमारी टमाटर के अन्य पौधों को भी नष्ट कर देगा।टमाटर के पौधों की पत्तियों का शिकुडना यह टमाटर की खेती के लिए एक घातक रूप का वायरस हैं जिसका नाम टेमोटोस्पॉडेट यह एक प्रकार का विषाणु जनित रोग है

इस रोग में टमाटर के पौधे की पत्तियां सिकुड़ जाती है और धीरे-धीरे छोटी होती जाती है जिससे पौधों में फूल तो लगते हैं परंतु फल नहीं आते हैं और पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और दूसरे स्वस्थ पौधों को भी नुकसान पहुंचता है

टमाटर के पौधों की पत्तियों का शिकुडना

टमाटर के पौधे

यह टमाटर की खेती के लिए एक घातक रूप का वायरस हैं जिसका नाम टेमोटोस्पॉडेट यह एक प्रकार का विषाणु जनित रोग है इस रोग में टमाटर के पौधे की पत्तियां सिकुड़ जाती है और धीरे-धीरे छोटी होती जाती है

जिससे पौधों में फूल तो लगते हैं परंतु फल नहीं आते हैं और पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और दूसरे स्वस्थ पौधों को भी नुकसान पहुंचता है

उपाय:- इन रोग से ग्रसित पौधों को आप खेत से बाहर निकाल दे या कुछ उपाय भी कर सकते हैं जैविक तरीके से उपाय के लिए आप नीम का तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं उपाय के पहले ट्रायकोडरमा प्रयोग करने से काफी अच्छा फायदा मिल सकता है

टमाटर की खेती से उत्‍पादन व कमाई

किसान भाइयों आप टमाटर के पौधे को सही समय पर लगाते हैं और खाद प्रबंधन और टमाटर में लगने वाले कीट व रोगों से टमाटर को बचा लेते है तो गर्मी के समय में आप टमाटर की खेती से 1 एकड़ में 150 से 200 क्योंटल तक उत्पादन बड़ी आसानी से ले सकते हैं,

दोस्तों याद रखिए गर्मी के सीजन में अन्य सीजन की तुलना में टमाटर की खेती में कम उत्पादन होता है परंतु गर्मी के सीजन में आपको बाजार में अच्छा खासा भाव देखने को मिला किसान भाई आप एक एकड़ में टमाटर की खेती कर कर ढाई से ₹3 लाख तक कमा सकते हैं

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